संविधान :- एक अनोखी पुस्तक

 Q.:- आखिर क्या था कैबिनेट मिशन?

संविधान :- 

यह कोई आम किताब नहीं है बल्कि प्रतीक है हमारे मुल्क का। पर कभी सोचा है आपने कि यह मुल्क आखिर होता क्या है?
समाजशास्त्री जी कहते हैं कि एक नस्ल, धर्म, भाषा, और हुकुम को मानने वाले बाशिंदों के समूह से मिलकर बनता है- एक देश।


मगर हिंदुस्तान जैसे बहुत सी भाषाओं, धर्मो और तमाम जातियों-प्रजातियों वाले subcontinent को किसी तंग नजरिए से नहीं देखा जा सकता। और ऐसे मुल्क और ऐसे समाज में पुरानी नीतियों को तोड़कर सबको साथ लेकर आगे चलने के लिए किसी पुराने कानून से भी काम नहीं चल सकता इसलिए हमारे पुरखों ने बनाया था हमारा संविधान, हमारा Constitution, हमारा आईन।

यह आईन ही तो वह आइना है जिसमें देखकर हम खुद को पहचान पाते हैं और सवार भी सकते हैं।

इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको इस जादुई आईने की सैर पर ले जाएंगे और बताएंगे कि यह क्यों बना?, किसने बनाया?, और कब बना?

एक झलक संविधान की:-

 शांतिनिकेतन के प्रसिद्ध चित्रकार श्री नंदलाल बोस की रहनुमाई में कई कलाकारों ने भारत के इतिहास पुराण और लोक कथाओं की छवियों से इस ग्रंथ को सजाया था और प्रेम बिहारी नारायण रायजादा जैसे खुशखत कातिबो ने अपनी कलम से निखारा था।

दिसंबर 1946 में जिस इमारत की तामीर शुरू की गई थी। असल में उसकी नींव बहुत पहले रखी जा चुकी थी। 1857 क्रांति के दौरान बागी सिपाहियों ने भी हिंदुस्तान का एक अपना संविधान बनाने की कोशिश की थी। उनका विद्रोह तो जल्द ही दबा दिया गया परंतु आजाद देश का एक अपना आईन बनाने का सपना ना दवा था, ना हारा था, और जैसे-जैसे महात्मा गांधी के नेतृत्व में आजादी की आवाज तेज हुई थी अपना संविधान बनाने की मांग भी और तीव्र होती गई।

अब गांधी जी के नेतृत्व में इतिहास ने दोबारा हमें एक नई भारत को बढ़ने का मौका दिया था। कांग्रेस नेता और आला वकील पंडित मोतीलाल नेहरु में सन् 1928 में एक रिपोर्ट तैयार की जिसे नेहरू रिपोर्ट या स्वराज संविधान के नाम से भी जाना गया और उनके बाद जब उनका बेटा जवाहर कांग्रेस का सदर बना तो उस युवा नेता ने हिंदुस्तान के संविधान के सपने को और सही तरीके से सबके सामने रखा।

अंग्रेजों ने सन 1945 में Government of India act बनाया। ये act भारतीयों की उम्मीदों से न केवल बहुत कम और अलग था बल्कि इसकी वजह से कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच दूरियां और बढ़ने लगी। इस बीच दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सन् 1945 में डॉक्टर तेज बहादुर ने सभी भारतीयों से सलाह मशवरा करके एक सांझा संविधान की कोशिश की। उधर Second World war की मार और इधर Azad Hind fauj और भारत छोड़ो आंदोलन के चलते अंग्रेजों का भारत पर अनंत काल तक राज करने का इरादा ध्वस्त हो गया।

Winston Churchill यह तो जीत गई पर चुनाव हार गए और Britannia के नए Prime minister- Clement Attlee ने कहा कि भारत के लिए नया संविधान बनाने और मुसलमानों को अलग अधिकार देने की मुस्लिम लीग की मांग पर काम तुरंत शुरू किया जाएगा। इसी के मद्देनजर पहली बार His majesty की सरकार के तीन Cabinet Minister एक साथ भारत भेजे गए और यह कहलाया--कैबिनेट मिशन

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