B-School Details in Hindi

 प्रस्तावना:-

Finance में, B-School ( बी-स्कूल) एक शॉर्ट शब्द है जो कि Business-School(व्यवसायिक विद्यालय) के लिए प्रयुक्त होता है। इन स्कूलों में विशेषतः व्यवसायिक विषय ही पढ़ाये जाते हैं। इनमें स्नातक और पूर्व स्नातक विद्यालय भी शामिल है। विशेषता बी-स्कूल Master of Business Administration (MBA) डिग्री प्रोग्राम प्रदान करते हैं।


बी स्कूल में admission के लिए बहुत ही कठिन competition से होकर गुजरना पड़ता है और जो भी बी-स्कूल सबसे अधिक मांग रखते हैं वह भी कम से कम 90% आवेदको को निरस्त कर देते हैं। यह स्कूल हाल के वर्षों में बहस का एक बड़ा मुद्दा रहे हैं क्योंकि कुछ भी स्कूल की ट्यूशन फी प्रतिवर्ष ₹70,00,000 से भी अधिक हो सकती है।

बी-स्कूल उनकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग के संदर्भ में और उपस्थिति की कम लागत के मामले में बहुत भिन्न भी हो सकते हैं।

बी-स्कूलों में अध्ययन होने वाले विषय:-

बी-स्कूल बिल्कुल उच्च माध्यमिक संस्थानों जैसे ही होते हैं सिवाय इसके कि उनमें व्यवसायिक और वित्तीय संबंधित विषयों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
अगर सामान्य उदाहरण लें तो उनमें लेखांकन(Accounting), वित्त (Finance), विपणन(Marketing), उद्यमिता(Entrepreneurship) जैसे विषय शामिल हैं। कुछ अलग मामलों में बी-स्कूल सामान्य अध्ययन क्षेत्र से हटकर कुछ अलग विषयों का ध्यान कर आता है जैसे बीमांकिक विज्ञान(Actuarial Science), कराधान कानून(Taxation Law)।

अन्य संस्थानों के साथ विभिन्न रैंकिंग मौजूद है जो छात्रों को विशिष्ट स्कूलों से जुड़ी गुणवत्ता और प्रतिष्ठा का आंकलन करने में मदद करती है। इन रैंकों को द फाइनेंशियल टाइम्स(The Financial Times), द इकोनॉमिस्ट(The Economist), द बिजनेस वीक(The Business week) द्वारा प्रकाशित किया जाता है, जो एक दूसरे को अलग दर्जा देती है।

हालांकि स्कूलों का साल-दर-साल बदलाव होता रहता है लेकिन लगातार उच्च रैंकिंग प्राप्त करने वाले स्कूलों के उदाहरण में स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनस(Standard Graduate School of Business), यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो का बूथ स्कूल ऑफ़ बिज़नेस(University of Chicago's Booth School of Business), लंदन बिजनेस स्कूल(London Business School), हावर्ड बिजनेस स्कूल(Harvard Business School), और पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी का व्हार्टन स्कूल(University of Pennsylvania's Wharton School) शामिल है।

हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बी-स्कूल रैंकिंग के ऊपरी क्षेत्र के स्कूल कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे, लेकिन उन्हें अक्सर कुछ ऐसे क्षेत्रों में जाना जाता है जिनमें विशेष रूप से मजबूत होते हैं उदाहरण के लिए व्हार्टन स्कूल को वित्त में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है जबकि हॉवर्ड बिजनेस स्कूल अपनी सामान्य प्रबंधकीय शिक्षा(General Managerial Education) के लिए जाना जाता है।

बी-स्कूलों में भाग लेने की वित्तीय लागत:-

 प्रत्येक बी-स्कूल की प्रतिष्ठा और विशेषज्ञता क्षेत्रों पर विचार करने के अलावा, भावी छात्रों के लिए बी-स्कूल की डिग्री प्राप्त करने के संभावित लाभों के खिलाफ उपस्थिति की लागत को सावधानीपूर्वक तौलना भी महत्वपूर्ण है। आखिरकार, एलीट बी-स्कूलों के लिए उपस्थिति लागत प्रति वर्ष ₹70,00,000 से ऊपर पहुंच सकती है और यहां तक कि कम प्रतिष्ठित स्कूलों में प्रतिवर्ष ₹35,00,000 से अधिक खर्च होंगे। कई छात्रों के लिए इसके लिए पर्याप्त छात्र ऋण की आवश्यकता होगी।


बी-स्कूलों के लिए समझदारी भरा निर्णय:-

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल(Harvard Business School) और स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस(Stanford Graduate School of Business) जैसे प्रसिद्ध बी-स्कूल की ब्रांड पहचान को देखते हुए, यह सोचना आकर्षक हो सकता है कि किसी भी छात्र को उनके लिए प्रवेश पाने में सक्षम होने के लिए ये स्कूलों की सर्वोच्च प्राथमिकताएं होनी चाहिए।
हालांकि एक बार उपस्थिति की पूरी लागत को ध्यान में रखते हुए, अन्य बी-स्कूल तुलना करके अधिक आकर्षक दिखाई दे सकते हैं। उदाहरण के लिए, छात्र ऋण पुनर्वित(Refinancing), वित्त कंपनी सूफी(SoFi) ने 2018 में भी स्कूलों की एक रैंकिंग प्रकाशित की जिसका उद्देश्य उन स्कूलों के एमबीए(MBA) कार्यक्रमों का सर्वश्रेष्ठ आरऔआई(ROI) दिखाना है।
विश्लेषण उनकी स्नातकों द्वारा प्राप्त औसत वेतन की तुलना उन्हीं स्नातकों के औसत छात्र ऋण स्तरों से किया गया था।

 इस विश्लेषण की परिणामों से पता चला कि विस्कॉसिन मैडिसन विश्वविद्यालय(University of Wisconsin Madison) द्वारा सर्वेक्षण किए गए स्कूलों में उच्चतम आरऔआई (ROI) की पेशकश की गई; जिसने औसत वेतन-टू-डेट अनुपात 2.33 का प्रस्ताव दिया। इसके विपरीत हार्वर्ड बिजनेस स्कूल(Harvard Business School) और स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनस(Stanford Graduate School of Business) की वेतन से ऋण अनुपात क्रमशः 2.21 और 2.18 के रूप में दिए गए थे।

संदर्भ के लिए सभी बी-स्कूलों के लिए औसत वेतन से ऋण अनुपात लगभग 1.5 पाया गया, औसत वेतन ₹80,00,000 के तहत और लगभग 55 लाख रुपए का औसत ऋण स्तर।

4 comments

  1. Jitendra Singh11 May 2021 at 23:01

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